रायपुर 26 जनवरी 2024
पांच सालों से लगभग निष्क्रीय एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग (EOW) दोबारा सक्रीय होने का इंतज़ार कर रहा था, अब उनकी यह प्रतीक्षा ख़त्म हुई और छत्तीसगढ़ में ACB और EOW दोबारा सक्रीय हो गए हैं, सक्रीय होते ही ACB ने अपने 5 वर्ष के इंतज़ार की पूर्ती एक ही साथ कर दी|
छत्तीसगढ़ में सुबह सुबह बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है, शराब और कोयला घोटाले मामले में ईडी ने एफआईआर रायपुर स्थित एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में दर्ज कराई है|ED के अधिकारियों ने गुरुवार देर शाम एंटी करप्शन ब्यूरो में यह FIR दर्ज कराई है। इस एफआईआर ने ब्यूरोक्रेसी से लेकर राजनीतिक गलियारे में हड़कंप मचा दिया है|
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, ईडी ने तीन पूर्व मंत्रियों, कुछ पूर्व विधायकों, पूर्व मुख्य सचिव, दो निलंबित आईएएस, एक रिटार्यड आईएएस, कई कांग्रेस नेताओं सहित 100 से अधिक लोगों पर ईडी ने एफआईआर रायपुर स्थित एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में दर्ज कराई है. एसीबी एफआईआर दर्ज कर अब मामले में कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, जिन राजनेताओं और अफसरों के खिलाफ एफआईआर किया गया है, उसमें कई बड़े नाम शामिल है। अभी तक जो नाम सामने आए हैं उनमें सौम्या चौरसिया, रानू साहू, समीर बिश्नोई, अनिल टुटेजा, यश टुटेजा, विवेक ढांड ,पूर्व मंत्री कवासी लखमा पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक, यूडी मिंज, पूर्व विधायक गुलाब कमरों का नाम भी शामिल है. इसके साथ ही कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, कांकेर के पूर्व विधायक शिशुपाल, पूर्व विधायक चंद्रदेव राय, पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह इदरीश गांधी, विजय भाटिया का नाम भी नाम सामने आया है. एफआईआर में 100 से भी अधिक नाम दर्ज किया गया है. जिसमें कई कांग्रेसी नेताओं का नाम शामिल है।
कोयला घोटाला मामले में 30 से अधिक लोगों के खिलाफ नामजद और शराब घोटाले में 70 से ज्यादा लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है|450 करोड़ रुपए और शराब में 6 हजार करोड़ रुपए का घोटाला है।
इसके साथ ही कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, कांकेर के पूर्व विधायक शिशुपाल, पूर्व विधायक चंद्रदेव राय, पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह, इदरीश गांधी, पूर्व सीएम के मित्र विजय भाटिया का नाम भी नाम शामिल। ईडी का दावा है कि भूपेश सरकार के कार्यकाल के दौरान छत्तीसगढ़ में जमकर कमीशन का खेल चला है। ईडी की मानें तो करीब 540 करोड़ रुपए की वसूली कोयला परिवहन में किया गया है। ईडी का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं और प्रदेश के प्रशासनिक अफसरों ने प्रति टन 25 रुपए कमिशन लेकर अकूत संपत्ति बनाई है। इसी तरह शराब में भी लगभग 6 हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया गया है।
अब देखना यह है कि, पिछली बार की रमन सरकार की तरह ही इस बार भी एसीबी की ट्रैप और रेड की सख्ती सभी वर्ग के अधिकारियों कर्मचारियों पर भी होगी, या केवल बड़ी मछलियों पर ध्यान देते हुए जनता को परेशान करने वाले जमीनी स्तर के भ्रष्ट अधिकारियों को नज़र अंदाज़ कर दिया जाएगा।