पटना 25 जनवरी 2024
लोकसभा चुनाव पास हैं, और देश की राजनीति में तेजी से बदलाव होने लगा है, लोकसभा चुनाव के बाद अगले साल 2025 उत्तर प्रदेश और बिहार मे भी चुनाव हैं| कुछ ही समय पहले बिहार में नितीश कुमार की जदयू ने एनडीए से गठबंधन तोड़ आरजेडी से हाथ मिला लिया था| हाल ही में 4 राज्यों के विस्फान सभा चुनाव में से 3 छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा ने बहुमत पा कर अपनी बनाई, अभी सरकार बने हुए बमुश्किल सवा महिने ही हुए हैं कि बिहार की सियासत में एक बार फिर से हलचल तेज़ दिख रही है, अब इसका कारण बिहार में सुशासन बाबु के शासन की हालत ख़राब होती नज़र आ रही है या फिर भाजपा (NDA) की नज़र आती हुई मजबूती, कई मीडिया रिपोर्टों में ये कहा गया है कि, नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़कर अपने पुराने साथी एनडीए के साथ जा सकते हैं|
जब से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की गई और इसपर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव ने अलग-अलग तरीके से प्रतिक्रिया दी, तभी से बिहार की राजनीति में अटकलों का दौर शुरू हो गया है| इस पूरे मामले को और हवा तब मिली जब आरजेडी सुप्रीम लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने तीन ट्वीट किए| हालांकि, रोहिणी आचार्य ने ये ट्वीट डिलीट कर दिए लेकिन इस पर शुरू हुआ हंगामा अभी तक जारी है|
जेडीयू के नेता और राज्य के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मौजूदा राजनीतिक स्थिति को लेकर कहा है कि बिहार सरकार में सबकुछ ठीक है| आरजेडी के नेता शक्ति सिंह यादव ने भी यही दोहराते हुए कहा कि मौजूदा सरकार पूरे भरोसे पर काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी| बीजेपी नेता और सांसद गिरिराज सिंह ने ये कह दिया है कि नीतीश कुमार के लिए अब दरवाज़े बंद हैं लेकिन कई मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से ये कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार विधानसभा भंग कर सकते हैं|
इस बीच गुरुवार को नीतीश कुमार ने बिहार कैबिनेट की बैठक बुलाई लेकिन इसके बाद होने वाली प्रेस ब्रीफ़िंग को रद्द कर दिया गया| फिर नीतीश कुमार के आवास पर जेडीयू के नेताओं के जुटने जैसे एक-एक कर कई घटनाक्रमों के मद्देनज़र ये अटकलें बढ़ीं कि क्या नीतीश कुमार सीएम पद से इस्तीफ़ा देने जा रहे हैं?