निजी स्कूलों के खिलाफ जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। शहर के 14 निजी स्कूल के खिलाफ 28 लाख का जुर्माना ठोंक दिया है। इतना ही नहीं अभिवावकों को बढ़ी हुई फीस की राशि फौरन वापस करने के भी निर्देश दिए है।
ऐसी कार्रवाई केवल मध्यप्रदेश में देखने को मिल रही है, छत्तीसगढ़ में अब तक न बड़ी हुई फीस और न ही कॉपी किताब के दामों और पब्लिकेशन को लेकर कोई कार्रवाई किसी भी जिलाधीश ने करने की हिम्मत नहीं दिखाई है। और अब पब्लिकेशन और किताबों को लेकर एक्शन करें भी तो क्या फायदा? क्या है कारण?
निजी स्कूलों की मनमानी पूरे देश में चल रही है। छत्तीसगढ़ में भी चल रही है। लेकिन सख्त कार्रवाई करने की हिम्मत कुछ गिने चुने अधिकारी ही कर पाते है। अभी शहडोल कलेक्टर के कार्रवाई से निजी स्कूल संचालकों की घिग्घी बंधी हुई है। स्कूल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। शहडोल में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए कलेक्टर तरुण भटनागर का ने यह बड़ा एक्शन लिया है। कलेक्टर के पहल पर शहडोल जिले में नियमों के खिलाफ फीस के रूप में ज्यादा राशि वसूल करने पर 14 निजी स्कूल संचालकों को अधिक वसूली की गई राशि को वापस करने के आदेश दिए है।
कलेक्टर तरूण भटनागर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि निजी स्कूलों द्वारा सत्र 2022-23 से फीस वृद्धि कर संग्रहित की गई संपूर्ण राशि उनके पालक या अभिभावकों को आनलाइन नेट बैंकिग के माध्यम से 30 दिन के अंदर वापस करें। इस प्रकार जुर्माने के 28 लाख रूपये की राषि को 30 दिवस के अंदर नियम के नियम 3 (3) अंतर्गत प्रावधानित संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय के खाते में जमा कराना सुनिश्चित कर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। अन्यथा उक्त राशि भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल की जा सकेगी।
शहडोल कलेक्टर तरूण भटनागर के निर्देश के अनुसार ब्यौहारी विकासखंड के अशासकीय मिलेनियम ड्रीम इंटरनेशलन स्कूल ब्यौहारी, भारतीयम स्कूल ब्यौहारी, क्रिस्ता ज्योति मिशन स्कूल, बुढार विकासखंड के अशासकीय ग्रीन वेल्स पब्लिक स्कूूल बुढार, एमजीएम स्कूल गोपालपुर, ज्ञान निकेेतन इंग्लिश मीडियम स्कूल, विद्यासागर सीनियर स्कूल बुढार, शहडोल के गुड शेफर्ड कान्वेंट स्कूल सोहागपुर, ज्ञानोदय इंग्लिश मीडियम स्कूल, भारत माता स्कूल, शांति देवी मेमोरियल स्कूल सोहागपुर, सद्गुरू पब्लिक स्कूल, एमजीएम स्कूल धनपुरी, टाइम पब्लिक स्कूल शहडोल के संचालकों को आदेश जारी कहा गया है। इतना ही नहीं अगर स्कूल पेरेंट्स को पैसे वापस नहीं दिए तो राशि भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल की जा सकती है।