नई दिल्ली; नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने हाल ही में कई डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट में बम की झूठी कॉल को लेकर प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा,

“नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से, अगर जरूरत पड़ी तो हमने कुछ विधायी कार्रवाई के बारे में सोचा है।

उन्होंने आगे कहा कि हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि हम ऐसे मामलों को रोकने के लिए दो चीजों पर काम कर सकते हैं। पहला है विमान सुरक्षा नियमों में संशोधन. इन नियमों में बदलाव करके हम यह प्रावधान करेंगे कि एक बार अगर कोई ऐसा करते हुए पकड़ा जाता है, तो हम उसे नो-फ्लाइंग लिस्ट में डालेंगे। इसके अलावा दूसरा ये है कि नागरिक उड्डयन सुरक्षा के खिलाफ गैरकानूनी कृत्यों का दमन अधिनियम में बदलाव किया जाए।

पिछले 6 दिन में ही मिलीं 70 धमकियां

बता दें कि विमान में बम होने या उसे बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले पिछले कुछ महीनों में तेजी से बढ़े हैं. पिछले 6 दिन की ही बात करें तो भारत में डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट में बम होने की करीब 70 फर्जी कॉल आ चुकी हैं. शनिवार को ही 30 से अधिक विमानों में बम होने की धमकी मिली थी। एक्सपर्ट बताते हैं कि, इस तरह की धमकियों से जहां यात्रियों का समय बर्बाद होता है और डर का माहौल बनता है तो वहीं दूसरी तरफ एयरलाइंस कंपननियों का भी खर्च बढ़ता है। इसके अलावा विमानों के शेड्यूल पर भी आर पड़ता है, यात्री डर के कारण विमान से ट्रैवल करने से भी बचते हैं।

फर्जी कॉल से विमानन उद्योग के लिए वित्तीय परेशानी

राम मोहन नायडू ने इसे एक संवेदनशील स्थिति बताते हुए कहा कि इस तरह की झूठी कॉल करने वालों को एयरलाइंस कंपनी की नो-फ्लाई सूची में डाल दिया जाएगा। हमने इस मुद्दे पर कई बैठकें की हैं और अंत में इस पर काम करने का फैसला किया है. उन्होंने ये भी कहा कि फ्लाइट में बम की झूठी धमकी, विमानन उद्योग के लिए नई वित्तीय परेशानी भी पैदा कर रहे हैं।

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