मुंबई 25 जनवरी 2024
24 जनवरी को सोनी और जी टीवी का विलय (Sony-Zee Merger) करार उन्हीं के सास-बहु सीरियल की तरह रद्द हो गया है| इसके साथ जी (Zee) पर मुसीबतों का पहाड़ भी टूट पड़ा है| कंपनी इस समय दोहरी चुनौती का सामना कर रही है| इसका असर मंगलवार को शेयर बाजार में भी दिखा और शुरुआती कारोबार में ही जी के स्टॉक में 10 फीसदी की गिरावट दिखी, जिससे लोअर सर्किट लगाना पड़ा| दोपहर तक यह गिरावट 27 फीसदी तक पहुंच गई|
बाजार खुलते ही निवेशक ताबड़तोड़ बिकवाली पर उतर आए और सुबह 9.19 मिनट तक जी एंटरटेनमेंट के शेयर बड़ी गिरावट के साथ 208.60 रुपये (Zee Entertainment Share Price) पर पहुंच गए| सोनी के साथ डील कैंसिल होने से निवेशकों में अफरातफरी का माहौल दिखा और कुछ गड़बड़ी की आशंका में उन्होंने शुरुआत से ही मुनाफावसूली पर जोर दिया| दोपहर 12.28 बजे तक जी के शेयर करीब 27 फीसदी टूट गए और निवेशकों को भी 5897 करोड़ रुपये का नुकसान देते हुए शेयर बाज़ार के सांड ने पटखनी दे दी| कंपनी के शेयरों में बिकवाली का आलम ये रहा कि एक ही दिन में 3 बार लोअर सर्किट लगाना पड़ा|
सोनी ने भी बढ़ाई मुसीबत
इससे पहले 21 जनवरी को जी ने शेयर बाजार को जानकारी दी कि सोनी के साथ उनके मर्जर की डील रद्द हो गई है| 10 अरब डॉलर की यह डील 2 साल से चल रही थी और आखिरकार दोनों कंपनियों ने इस पर आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है| डील कैंसिल होने की वजह से सोनी ने 9 करोड़ डॉलर (करीब 747 करोड़ रुपये) का टर्मिनेशन फीस मांगा है| सोनी का कहना है कि जी की वजह से उसके कारोबार और लागत को नुकसान पहुंचा है|
क्यों रद्द हुई यह डील
जी और सोने की डील कैंसिल होने का सबसे बड़ा कारण दोनों के बीच नए सीईओ के नाम पर सहमति न बन पाना है| पहले पुनीत गोयनका को नया सीईओ बनाने का प्लान था, लेकिन उनके खिलाफ सेबी की जांच शुरू होने के बाद सोनी ने विचार करने से इनकार कर दिया| इसके अलावा दोनों के बीच स्पोटर्स इवेंट के प्रसारण के अधिकार का भी करार था| इसके लिए कैश रिजर्व के रूप में जी को 4,000 करोड़ रखने थे, जबकि उसके पास महज 600 करोड़ की कैश रिजर्व पूंजी थी|