भोपाल। संगठन भोपाल हब और एम्स भोपाल ने इंडिया बायोसाइंस द्वारा सेंटर फॉर ब्रेन एंड माइंड को दिए गए आउटरीच अनुदान के सहयोग से 26 सितंबर 2024 को आईजीआरएमएस (मानव संग्रहालय) में ‘कार्यस्थल में मानसिक स्वास्थ्य’ विषय पर एक सार्वजनिक आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2024 की थीम के अनुरूप था, और इसका उद्देश्य कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य और तनाव के प्रबंधन पर जागरूकता बढ़ाना था।
तनाव के प्रमुख कारणों की पहचान और समाधान
पैनल में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे, जिन्होंने कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। विशेषज्ञों ने लंबे समय तक काम करने, तनाव प्रबंधन के खराब कौशल और मानसिक स्वास्थ्य पर बातचीत से जुड़े कलंक को कार्यस्थल पर तनाव के प्रमुख कारणों के रूप में पहचाना।
एम्स भोपाल के आरडीए अध्यक्ष डॉ. दिव्यभूषण ने कहा, “मेडिकल रेजिडेंट्स अक्सर प्रति सप्ताह 60-80 घंटे तक काम करते हैं, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है।”
वहीं, डॉ. शबाना सुल्तान, एचओडी, ओबीजी विभाग, जीएमसी भोपाल ने बताया कि चिकित्सा पेशेवरों के बीच संवाद की कमी और मदद मांगने से हिचकिचाहट तनाव को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
महिला पेशेवरों की चुनौतियाँ
एनजीओ प्रतिनिधि अवंतिका श्रीवास्तव ने महिला पेशेवरों द्वारा कार्यस्थल पर सामना की जाने वाली लिंग-विशिष्ट चुनौतियों पर जोर दिया। उन्होंने भर्ती के दौरान भेदभाव, वेतन अंतर, सीमित पदोन्नति के अवसर, चाइल्डकैअर सुविधाओं की कमी और यौन उत्पीड़न जैसी समस्याओं को महिला पेशेवरों के लिए तनाव के मुख्य कारणों में से एक बताया।
आईजीआरएमएस के निदेशक अमिताभ पांडे ने बचपन से ही मुकाबला करने की क्षमता और लचीलेपन पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम के दौरान, सभी विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हुए कि तनाव के कारणों की जल्द पहचान और मजबूत संचार चैनल बनाने की आवश्यकता है।
तनाव प्रबंधन की रणनीतियाँ
पैनल चर्चा का समापन डॉ. विजेंद्र सिंह, एचओडी, मनोचिकित्सा, एम्स भोपाल द्वारा तनाव प्रबंधन पर सरल और प्रभावी स्व-देखभाल रणनीतियों के साथ हुआ। उन्होंने बताया कि कैसे लोग व्यक्तिगत स्तर पर तनाव से निपट सकते हैं, जैसे कि तनाव को स्वीकार करना, मदद मांगना और महत्वपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता देना।
पूर्व अपर सचिव, भारत सरकार, डॉ. मनोहर अगनानी ने नियोक्ताओं द्वारा सकारात्मक कार्य संस्कृति को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि कर्मचारी बिना किसी डर के मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्राप्त कर सकें।
कार्यक्रम का संचालन एम्स भोपाल की प्रगति, रौनक और रूपाली ने किया। डॉ. अनंत भान और डॉ. अभिजीत रोज़तकर ने पुणे और कोलकाता में हाल ही में सामने आए कार्यस्थल तनाव की घटनाओं के संदर्भ में इस मुद्दे पर चर्चा की आवश्यकता को रेखांकित किया।